उदयपुर हलचल। माणिक्य लाल वर्मा आदिमजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, उदयपुर (टी आर आई) एवं सेठ मथुरादास बिनानी राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय, नाथद्वारा के संयुक्त तत्वाधान में 05 मार्च 2021 एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। संगोष्ठी का विषय “ राजस्थान का जनजातिय परिदृश्यः चुनौतियाँ एवं संभवानाएँ ” संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि जितेन्द्र कुमार उपाध्याय, आयुक्त, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, उदयपुर रहेेंगे तथा मुख्य वक्ता राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में निदेशक डाॅ. ललित लट्टा होंगे। समापन सत्र में मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता डाॅ. बिभुकल्याण मोहन्ती, मानव विज्ञानी, पूर्वी क्षेत्रीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण विभाग, कोलकाता होंगे। प्रथम एवं द्वितीय सत्रों में अध्यक्ष क्रमशः प्रो. चिन्मय मेहता, पूर्व आचार्य एवं अधिष्ठाता, ललित कला संकाय, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर तथा प्रो. दिग्विजय भट्नागर, आचार्य एवं इतिहास विभागाध्यक्ष, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर रहेंगे। संगोष्ठी का आयोजन सिस्को-बेवेक्स प्लेटफाॅर्म पर किया जाएगा। संगोष्ठी में सहभागिता हेतु अभी तक 170 सह/सहायक आचार्यों, शोधार्थियों आदि ने पंजीकरण करवाया है। संगोष्ठी में भाग लेने हेतु पंजीकरण 05 मार्च 2021 प्रातः 10 बजे तक हो सकता है। जिसका लिंक विभागीय बेवसाईटों पर उपलब्ध है। संगोष्ठी हेतु कुल 50 शोध पत्र प्राप्त हुए हैं जिनमें से चयनित 28 शोध पत्रों का वाचन दोनों तकनीकी सत्रों में प्रस्तुत किया जायेगा। राजस्थान के जनजातीय साहित्य, संस्कृति, कला, समाज आदि विभिन्न विमर्श बिंदुओं के आलोक में राजस्थान के जनजातीय परिदृश्य का शोधपरक अध्ययन विश्लेषण तथा इन निष्कर्षों से भविष्य में जनजातीय विकास हेतु कार्य करना इस संगोष्ठी का उद्देश्य है।