अब हर किसी को होली का इंतजार है। रंगों का यह त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है। साथ ही इससे जुड़ी धार्मिक परंपराओं को भी पूरी श्रद्धा के साथ पूरा किया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का त्योहार मनाया जाता है। इससे एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। जिस दिन रंग खेला जाता है, उसे कहीं कहीं धुलेंडी भी कहा जाता है। इस वर्ष होली का त्योहार (रंग खेलने वाला दिन धुलेंडी) 29 मार्च (सोमवार) को है। इससे एक दिन पहले यानी 28 मार्च (रविवार) को होलिका दहन होगा।
- होलिका दहन का दिन : 28 मार्च 2021, रविवार
- रंगों की होली खेलने का दिन : 29 मार्च 2021, सोमवार
- होलिका दहन का शुभ मुहूर्त : शाम 6.37 बजे से रात 8.56 बजे तक (अवधि 02 घंटे 20 मिनट)
- पूर्णिमा तिथि शुरू : 28 मार्च सुबह 3.27 बजे से
- पूर्णिमा तिथि समाप्त : 29 मार्च रात 12.17 बजे
- 29 मार्च भद्रा पूंछ -10:13 से 11:16
- 29 मार्च भद्रा मुख – 11:16 से 13:00
होली का धार्मिक महत्व: होली का धार्मिक महत्व है। इससे जुड़ी कथा प्रचलित है कि किस तरह खुद को ही भगवान मान बैठे हरिण्यकशिपु ने भगवान की भक्ति में लीन अपने ही बेटे प्रहलाद को अपनी बहन होलिका की मदद से जिंदा जलाने की कोशिश की। भगवान ने अपने भक्त पर कृपा की और प्रहालाद के लिए तैयार की गई चिता में होलिका जलकर मर गई। इसीलिए होलिका दहन किया जाता है। साथ ही इस त्योहार को भाईचारे के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। संदेश है कि एक ही रंग में रंगे होने के कारण इस दिन सभी तरह के भेदभाव मिट जाते हैं। हालांकि कोरोना महामारी के कारण इस बार भी होली का रंग कुछ फीका हो सकता है। पिछली बार भी इसी समय देश में कोरोना का आहट हुई थी और होली के कई कार्यक्रम रद्द किए गए थे।