लाइफस्टाइल डेस्क। कमर दर्द बेहद परेशान करता है, कई बार ये दर्द हद से ज्यादा बढ़ जाता है, जिसकी वजह से उठना-बैठना और सोना तक दूभर हो जाता है। अगर कमर दर्द हद से ज्यादा बढ़ जाएं तो उसका कारण स्लिप डिस्क हो सकता है। स्लिप डिस्क भारत में तेजी से पनपने वाली बीमारी है जिससे 80 फीसदी युवा जूझ रहे हैं। स्लिप डिस्क का दर्द 22 से 40 साल की उम्र में होता है। बदलते लाइफस्टाइल, बढ़ती उम्र, गलत पोश्चर में बैठने और भारी सामान उठाने से स्लिप डिस्क का दर्द होता है।
ये दर्द रीढ़ की हड्डी में होने वाली एक मेडिकल स्थिति है, जिसमें स्पाइन के पास की हड्डियों में मौजूद जेली जैसा पदार्थ बाहरी छल्लों से बाहर निकल आता है। ये स्थिति हड्डियों में खराबी आने या चोट लगने की वजह से भी हो सकती है। स्लिप डिस्क का अंतिम इलाज सिर्फ ऑपरेशन ही नहीं है, बल्कि कुछ प्रमुख आसन की मदद से इस दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। नियमित योगाभ्यास से न सिर्फ रीढ़ की हड्डी को सही शेप में लाया जा सकता है बल्कि असहनीय दर्द से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
शवासन:
शवासन योग अभ्यास का कठिन आसन माना जाता है। ये आसन बॉडी की आंतरिक ऊर्जा को बढ़ाता है। शरीर की यह प्राकृतिक ऊर्जा आपके शरीर में समाकर हर बीमारी और समस्या को ठीक करने में मदद करती है।
उष्ट्रासन:
उष्ट्रासन रीढ़ की हड्डी के दर्द को दूर करने वाला बहुत ही कारगर आसन है। इस आसन को करने के लिए शरीर ऊंट की मुद्रा में रहता है। इस मुद्रा में शरीर को पीछे की तरफ झुकाया जाता है, जिससे रीढ़ की हड्डी पर सकारात्मक दबाव बनता है। ये आसन दर्द को दूर करने में मदद करता है।
शलभासन योग:
शलभासन योग एक ऐसा आसन है जिसमें पेट के बल जमीन पर लेटकर रीढ़ की हड्डी को मोड़ा जाता है। इस योगाभ्यास को करने से कुछ ही दिनों में स्लिप डिस्क और कमर दर्द से राहत मिलने लगती है।
भुजंगासन:
भुजंगासन में शरीर फन उठाए हुए सांप की आकृति में होता है। इस आकृति में रीढ़ की ऊपरी हड्डियों पर दबाव पड़ता है जिससे हड्डी पुरानी स्थिति में आने लगती है। सूर्य नमस्कार के 7 आसनों में से एक आसन है भुजंगासन। ये बॉडी को लचीला बनाता है साथ ही कमर दर्द से राहत दिलाता है।