टेक्सटाईल काॅलेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर हुआ मंथन

टेक्सटाईल काॅलेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर हुआ मंथन

भीलवाड़ा । मणिक्य लाल वर्मा टेक्सटाईल काॅलेज में ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020ः सूत्रपात से कार्यान्वयन‘‘विषय परएक दिवसीय वेबीनार का आयोजन हुआ। वेबीनार का उद्देश्य नई शिक्षा नीति को लागु करने के लिये कियक जाने वाले प्रयासों में संस्थानों की भूमिका पर मंथन किया जाना था। वेबीनार में काॅलेज के संकाय सदस्यों, तकनकी स्टाफ सदस्य, विद्यार्थियों के साथ-साथ अन्य इंजीनियरिंग काॅलेजों के संकाय सदस्य तथा संगम विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों प्राचार्य डाॅ. धीरेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि वेबीनार में मुख्य वक्ता एस. आर. एम. विश्वविद्यालय, चेन्नई के कुलपति एवं काॅलेज की शाषी परिषद के अध्यक्ष प्रो. संदीप संचेती के अतिरिक्त राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के कुलपति प्रो. आर. ए. गुप्ता, उद्यानिकी तकनीकी संस्थान, ग्रेटर नोएडा के कुलपति एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीतिप्रारूपण एवं किर्यान्वयन समिति के सदस्य प्रो. आर. एस. कुरील, इंजीनियरिंग एण्ड आर्कीटेक्चर संकाय, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा के डीनप्रो. भारत प्रकाश सुनेजा तथा सेंटर फाॅर पाॅलिसी रिसर्च एण्ड गवर्नेस, नई दिल्ली के निदेशक डाॅ. आर. एन. पाण्डेय ने व्याख्यान प्रस्तुत किये।
प्रो. संचेती ने शिक्षा नीति में नीहित विभिन्न प्रावधानों पर चर्चा करते हुए बताया कि यह शिक्षा नीति विद्यार्थी केन्द्रित होने के साथा उनको पाठ्यक्रम चयन करने की स्वतंत्रता प्रदान करती है साथ ही एक साथ विदेशी शिक्षण संस्थानों से भी अघ्ययन कर सकेंगे। वे अघ्ययन कर एकेडेमिक क्रेडिट बैंक में अर्जित क्रेडिट जमा कर सकेंगे। निर्धारित संख्या में क्रेडिट जमा हो जाने पर वे अपने आप को विभिन्न संस्थानों/उपक्रमों में सेवाएं प्रदान करने हेतु आवेदन कर सकेंगे जहा अभ्यर्थी की डिग्री के स्थान पर उसके द्वारा अर्जित ज्ञान के आधार पर चयन हो सकेगा। उन्होने यह भी बताया कि वर्तमान में संचालित अनेक नियंत्रक संस्थानों को एकीकृत कर भारतीय उच्च शिक्षा आयोग की स्थापना की जा रही है जिससे कानूनी एवं मेडिकल शिक्षा के अलावा सभी उच्च शिक्षा के संस्थान को एक ही संस्थान द्वारा स्वीकृति लेनी होगी। उन्होने शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण की आवश्यकता को भी समय की मांग बताया।
आरटीयू के कुलपति प्रो. गुप्ता ने अपने संबेाधन में बताया कि किस प्रकार राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा ने नई शिक्षा नीति को चरणबद्ध प्रकार से लागु करने के लिये आवश्यक कदम उठाए जा रहे है। उन्होने विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी इंजीनियरिंग महाविद्यालयों से इस पर मंथन हेतु कार्य समूह बनाकर लागु करने में अपने सुझाव उन्हे भेजने के लिये आग्रह किया।
सेंटर फाॅर पाॅलिसी रिसर्च एण्ड गवर्नेस, नई दिल्ली के निदेशक डाॅ. पाण्डेय ने नई शिक्षा नीति के निर्माण में अपनाई गई पारदर्शिता एवं ग्राम पंचायत से संसद तक किये गये संवादों को भी रेखांकित किया। उन्होने बताया कि राष्ट्रीय नीति निर्माण में भारत के आम नागरिक के योगदान को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जाने माने वेब पोर्टल ूूूण्उलहवअण्पदतथा ईमेल के माध्यम से सुझाव आमंत्रित किये गये तथा उन पर विस्तार से चर्चा कर विभिन्न विषयों में वर्गीकृत कर डाॅ. के कस्तूरी रंगन की अध्यक्षता वाली नीति प्रारूपण समिति के विचारार्थ रखा गया जिनका समावेशन वर्तमान में अंगीकृत की गई नई शिक्षा नीति तके स्पष्ट दृष्टिगत होता है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को समयबद्ध विभिन्न चरणें में लागु करने के बारे में विचार व्यक्त करते हुए उद्यानिकी तकनीकी संस्थान, ग्रेटर नोएडा के कुलपति एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीतिप्रारूपण एवं किर्यान्वयन समिति के सदस्य प्रो. कुरील ने नीति में समावेशित प्रावधानों की पृष्ठभूमि में रहे कारणों के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होने बताया कि किस प्रकार इस नीति निर्माण में विद्याार्थी हित में अध्ययन हेतु सुगमता को मुख्य केन्द्र बिन्दु में रखा गया तथा विद्यालयी शिक्षा के वर्तमान समय-सूत्र 10$2 के स्थान पर 5$3$3$4 का प्रावधान किया गया। साथ ही यह भी कहा कि नीति को लागु करनें में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े सभी वर्गों को अपना योगदान सुनिश्चित करना होगा।
नई शिक्षा में बिन्दु संख्या 9.3 पर प्रावधित तकनीकी शिक्षा से संबंधी प्रावधानों केा रेखांकित करते हुए डीन प्रो. सुनेजा ने बताया कि नई नीति में तकनीकी शिक्षा को क्षेत्रीय भाषा में प्रदान किये जाने पर बल दिया गया है। इसरी संदर्भ में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा को राष्ट्रीय स्तर पर उच्च तकनीकी शिक्षा को हिन्दी भाषा के माध्यम में प्रदान करने के उद्देश्य से समस्त पाठ्क्रमों हेतु हिन्दी में पुस्तकें उपलब्ध करवानें की दिशा में कार्य करनें का दायित्व प्रदान किया गया। मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, नई दिल्ली के प्रयासों को रेखांकित करते हुए बताया कि सार्वभौमिक मानवीय मूल्य शिक्षा को तकनकी पाठ्यक्रमों में स्थान प्रदान करने साथ ही इसकी सततता बनी रहे इसके भी प्रयास किये जा रहे हैं।
तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम-तृतीय चरण के अन्तर्गत आयोजित वेबीनार का संचालन प्रोग्राम काॅर्डीनेटर डाॅ. दिनेश नारायण व्यास ने काॅलेज के सहायक प्रोफेसर प्रकाश अरूण खुड़े, चंदन कुमार चौबे तथा बालाजी त्रिपाठी के तकनीकी सहयोग से किया। वेबीनार के समापन पर डाॅ. व्यास ने समस्त प्रतिभागियों तथा प्रतिष्ठित वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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